मुम्बई (देशयोगी डॉ संजीव पाठक)।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच बुधवार देर रात उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आज एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दोनों को राज्यपाल बीसी कोश्यारी ने शपथ दिलाई।
शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हिंदुत्व को मानने वाली 2 पार्टियां अलग हो गई थी, आज फिर से साथ जुड़ गई है। हमारे 50 साथियों का योगदान महत्वपूर्ण है। वो चाहते थे कि शिंदे साहब को एक बार मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए भाजपा ने इस फैसले को स्वीकार किया। 106 विधायक होने के बावजूद बीजेपी ने (एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का) यह फैसला लिया। इसका मतलब है कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया है।
महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र दो और तीन जुलाई को बुलाया जाएगा। इस दौरान बहुमत परीक्षण और स्पीकर का चुनाव किया जाएगा।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को शिवसेना छोड़ने के लिए प्रेरित किया। मुझे नहीं पता कि यह पहले हुआ था या नहीं, लेकिन यह बिना तैयारी के नहीं हो सकता। पवार ने बयान दिया कि शायद बागी गुट के दबाव में भाजपा को यह फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे के मुख्यमंत्री बनने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी।
इससे पहले एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने की घोषण के बाद कई घंटे तक एमवीए खेमे में सन्नाटा रहा।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में राज्य की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक की।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुये उसके नेता जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ, वो भारत जैसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। मोदी-शाह के नेतृत्व में भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहती है। वे चाहते हैं कि या तो सत्ता उनके पास रहे या कुर्सी की डोर उनके हाथों में हो।