देश में नए संसद भवन को बनाने का काम चल रहा है. ऐसे में PM मोदी ने आज इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान पीएम ने आज नए भवन की छत पर लगाए जा रहे 20 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ का अनावरण भी किया. अनावरण कार्यक्रम के दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) भी मौजूद रहे.
अशोक स्तंभ का वजन 9500 Kg है जो कांस्य से बनाया गया है. इसके सपोर्ट के लिए करीब 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की एक सहायक संरचना का भी निर्माण किया गया है. बताया जा रहा है कि नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है.
जानिए क्या है अशोक स्तंभ?
मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। उन्होंने 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक भारत में शासन किया। अशोक ने देश के कई हिस्सों में स्तूप और स्तंभ बनवाए। इनमें से एक स्तंभ जो सारनाथ में स्थित है, उसे अशोक स्तंभ कहा जाता है, इसे ही भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आजादी के बाद अपनाया गया है।
पीएम मोदी ने श्रमिकों से की बातचीत
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मानें तो इस भवन का काम अगले शीतकालीन सत्र तक पूरा हो सकता है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का जायजा लेने के दौरान काम में जुटे श्रमिकों से बातचीत भी की और उनका हालचाल जाना.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका सेंट्रल एवेन्यू 80 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। इसे बनवाने के लिए पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढ़कर 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है। सरकार चाहती है कि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाए। इसमें संसद भवन समेत केंद्र सरकार से जुड़े सभी दफ्तर शामिल हैं।
