जिम कार्बेट के जन्म दिन पर विशेष

अंतरराष्ट्रीय

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जिम कॉर्बेट की रोचक बातें

(देशयोगी चौधरी नरेंद्र सिंह, रिटायर आईएफएस)

■ जिम कॉर्बेट का पूरा नाम जेम्स एड्वर्ड कॉर्बेट था। उनका जन्म आज ही के दिन वर्ष 1875 ईस्वी में हुआ।

■ भारत में जिम कॉर्बेट के नाम पर कॉर्बेट नेशनल पार्क है, जो भारत का प्रथम और विश्व का तीसरा नेशनल पार्क है।

■ भारत के इस प्रथम नेशनल पार्क का नाम कॉर्बेट नेशनल पार्क है, न कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क। इस पार्क की स्थापना 8 अगस्त 1936 को हेली नेशनल पार्क के रूप में हुई थी। इसकी सीमा निर्धारण में जिम कॉर्बेट ने विशिष्ट भूमिका निभाई थी।

■ कर्नल रैंक से सुशोभित रहे जिम कॉर्बेट को यूनाइटेड प्रोविंस में आदमखोर जानवरों को समाप्त करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1907 से 1938 तक 19 बाघों और 14 गुलदारों को समाप्त किया था।

■ 25 जुलाई, 1885 को नैनीताल के पोस्ट मास्टर क्रिस्टोफर कॉर्बेट के घर जन्मे जिम 16 भाई-बहनों में 8 वें नंबर पर थे।

■ 1968 में इंडो-चाइना मूल के बाघ की एक प्रजाति का नाम ‘पेंथेरा टिगरिस कॉर्बेटी’ भी जिम कॉर्बेट के नाम पर ही रखा गया। यद्यपि इन्हें कॉर्बेट टाइगर भी कहते हैं, तथापि ये आकार में थोडे छोटे होते हैं।

■ एक ब्रिटिश वन-अधिकारी एफ डब्लू चैम्पियन जो लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ थे, से प्रभावित होकर वे फोटोग्राफी भी करने लगे थे।

■ उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभवों को कई किताबों में साझा किया है। उनकी मुख्य किताबें हैं: ‘मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊं’, ‘माय इंडिया’, ‘जंगल लोर’, ‘जिम कॉर्बेट्स इंडिया’ और ‘माय कुमाऊं’. उनकी किताब ‘जंगल लोर’ को ऑटोबायोग्रफी माना जाता है।

■ वो बच्चों के लिए नाटक भी आयोजित करते थे जहां वे नेचुरल हेरिटेज को बचाने और उसके संरक्षण की बातें सिखाते थे। अँधेरे में वे टाइगर की आवाज़ें निकालते थे जो बच्चों में कौतूहल उत्पन्न करने हेतु पर्याप्त थीं।

■ जिम अपनी बहन मैगी के साथ गर्मी में नैनीताल के ‘गर्नी हाउस’ में रहते थे तथा शीतकाल में अपने गाँव छोटी हल्द्वानी में रहते थे। वह घर आजकल कॉर्बेट म्यूज़ियम के रूप में पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय स्थल है।

■ भारत के स्वतंत्र होने पर जिम कॉर्बेट केन्या शिफ्ट हो गए। उनके ट्री हाउस में एक बार ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ भी घूमने आई थीं 1952 में। तभी किंग जॉर्ज षष्टम की मृत्यु हो गयी तो जिम ने लिखा कि वह पेड़ पर एक युवरानी के रूप में चढ़ीं पर एक महारानी के रूप में उतरीं।

◆ उनके महान योगदान हेतु उन्हें 1928 में ‘कैसर-ए-हिंद’ मेडल से सम्मानित किया गया।

■ उनके जीवन पर अनेकों फ़िल्में बनीं, जिनमें बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूड्रॉमा ‘मैन ईटर्स ऑफ़ इंडिया’ और आईमैक्स मूवी ‘इंडिया- किंगडम ऑफ़ टाइगर’ भी शामिल हैं।

■ उनकी पुस्तकें, उनकी यादें, उनकी बंदूक, उनका ट्री हाउस, उनके नाम पर बना टाइगर रिज़र्व रह गया। अंतिम और छठी किताब ट्री टॉप्स नाम से आई।

■ जिस रामनगर को एक अँग्रेज़ कमिश्नर रैमजे ने बसाया था, आजकल कॉर्बेट सिटी कहलाता है।

कॉर्बेट एक चमत्कारिक नाम है, जिसके नाम पर न जाने कितने होटल, रिसॉर्ट, कितने शॉपिंग प्रतिष्ठान हैं, और न जाने कितने लोग अपनी आजीविका चलाते हैं।

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जिम कॉर्बेट को उनकी जन्म-जयन्ती पर विनम्र श्रद्धांजलि!!
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