ऋषिकेश (देशयोगी हेम)।
फिल्मी दुनिया के विख्यात अभिनेता विश्वनाथ पाटेकर अर्थात नाना पाटेकर गुरुवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने यहां परमार्थ निकेतन में गंगा आरती में हिस्सा लिया और परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट की। स्वामी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।
आरती के बाद श्री पाटेकर ने कहा कि “मैंने आज परमार्थ निकेतन आरती में सहभाग किया। देखता रहा कि लोग कितने तन्मय थे। घुले हुए थे। आरती में अगर यह भाव नहीं होता इनके पास, तो अराजकता हो जाती। हमारे भारत में. यह जो श्रद्धा है, जो भाव है, उसकी वजह से सब ठंडा है। मैं तो हूं नहीं ऐसा। पर थोड़ी देर में आरती में बैठकर मुझ में भी बदलाव आ गया। कमाल की चीज यह सराउंडिंग इतना बदल देती है।”

अभिनेता ने स्वामी चिदानंद की तरफ इशारा करते हुए आगे कहा कि “आप जिस तरह से लोगों का चित्त, मन को बदल देते हैं, हमारी इतनी औकात नहीं…।” उन्होंने माइक पर अपने संबोधन करते हुए कहा कि जब मैं गुरु जी से मिला तो मैंने गुरु जी से कहा आप पंडित है, भक्त है और मैं पाखंडी हूं। हम बहुत मामूली है और बड़े शुक्रगुजार हैं आपके केवल चरण स्पर्श ही और हम क्या कर सकते हैं।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नाना पाटेकर एक गंभीर व्यक्तित्व के धनी है। उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज को जागृत करने का अनुपम कार्य किया है। न केवल उनकी फिल्में बल्कि उनका व्यक्तित्व भी प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि श्री पाटेकर वास्तव में बहुमुखी प्रतिभा के धनी है, परन्तु वे व्यक्तित्व से एकमुखी है। उन्होंने कहा कि आज अपने राष्ट्र, समाज और संस्कृति की रक्षा के लिये हर व्यक्ति को एकमुखी होने की जरूरत है।