देहरादून (देशयोगी राजकुमार ग्रोवर)। उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त आनंदवर्धन ने विभागीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि स्थानीय फसलों के क्षेत्र विस्तार में वृद्धि किये जाने हेतु कार्य योजना बनाई जाये। साथ ही, विभिन्न कार्यक्रम के संचालन के लिए नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी का सहयोग लिया जाये।
श्री वर्धन ने बैठक में कृषि, उद्यान, मण्डी, सघन पौध केन्द्र, प्रमाणीकरण संस्था, चाय बोर्ड, जड़ी बूटी शोध संस्थान, भेषज एवं रेशम विभाग के अधिकरियों के साथ कृषि एवं रेखीय विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों, संचालित योजनाओं की समीक्षा तथा विभाग को योजनाओं के संचालन में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय उत्पादकता तथा अन्य सर्वश्रेष्ठ राज्यों के साथ उत्पादकता की तुलना कर प्रदेश में कम उत्पादकता के सम्बन्ध में आवश्यक रणनिति बनाने, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं अन्तर्गत, अधिक से अधिक कृषकों को लाभन्वित करने, सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि किये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों के साथ कार्य योजना बनाये जाने पर बल दिया।
कृषि आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में उत्पादित मिलेट, कीवी, सेब, ड्रेगन फ्रूट, अमरूद, बेरी फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादकता में वृद्धि किये जाने पर विशेष प्रयास किया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी माह में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट हेतु समस्त विभाग अपने स्तर से आवश्यक तैयारी कर ले। साथ ही, समस्त विभागों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के सफलता की कहानी के सम्बन्ध में सूचना विभाग के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाये तथा कृषकों को उत्कृष्ट कार्यों वाले प्रक्षेत्र पर भ्रमण कराया जाये। उन्होंने कहा कि समस्त रेखीय विभाग आपस में समन्वय बनाते हुए कृषक हित में योजनाओं को संचालन करें।
बैठक में अमरेन्द्र चौधरी, सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, रणवीर सिंह चौहान, महानिदेशक कृषि एवं उद्यान, रवनीत चीमा, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, के०सी० पाठक, कृषि निदेशक तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।