10 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट

आध्यात्म/धर्म संसार

उखीमठ (देशयोगी आरके ग्रोवर)। 

विश्व प्रसिद्ध भगवान शिव के उत्तराखंड में हिमालय की कंदराओं में स्थित ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष के लिए शुक्रवार 10 मई को प्रात:सात बजे खुलेंगे। जबकि, 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा स़पन्न होगी। 

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आज शिवरात्रि के अवसर पर, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल, आचार्य और वेदपाठियों ने श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में पूजा-अर्चना, विधि- विधान, पंचांग गणना पश्चात श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की। इस दौरान, श्री औकारेश्वर मंदिर को  11 क्विंटल  फूलों से सजाया गया था। दानीदाताओ ने श्रद्धालुओं हेतु भंडारा एवं प्रसाद का वितरण किया।

डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आगामी 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा स़पन्न होगी।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति 6 मई को यहां से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। दिनांक 6 मई को  प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी, 7 को द्वितीय पड़ाव फाटा, 8 मई को तृतीय पड़ाव गौरीकुंड तथा 9 मई शाम को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार 10 मई प्रात: 7 बजे सुबह श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस अवसर पर, श्री केदारनाथ, द्वितीय केदार, श्री मदमहेश्वर मंदिर के लिए पुजारीगणों को कार्य दायित्व दिया गया। श्री केदारनाथ धाम हेतु  शिव शंकर लिंग पूजा का दायित्व संभालेंगे।  जबकि श्री मदमहेश्वर हेतु टी गंगाधर लिंग पूजा का दायित्व निभायेंगे। श्री बागेश लिंग अतिरिक्त में रखे गये हैं। शिव लिंग चपटा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने बताया कि आज कपाट खुलने की तिथि निश्चित होने के समय बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, सीमांत विकास परिषद के उपाध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, पंचगाई हक हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य वीरेंद्र असवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, डा.हर्षवर्धन बेंजवाल, धर्माचार्य ओंकार शुक्ला, वेदपाठी मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, स्वयंबंर सेमवाल, पुजारी शिव शंकरलिंग, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी,  प्रमोद बगवाड़ी, विपिन तिवारी, देवी प्रसाद तिवारी, कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव आदि मौजूद रहे।

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