पावन चिंतन धारा आश्रम का भगवान शिव के वास्तविक स्वरूप के प्रति जागरूकता का अभियान

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देहरादून (देश्योगी अंतरिक्ष)। समाज को जागरूक करने की दिशा में अनेकानेक प्रकार से विभिन्न संगठन अनवरत, संलग्न रहते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद स्थित पावन चिंतन धारा आश्रम सामाजिक जन जागरूकता के लिए विविध आयोजन और अभियान संचालित कर रहा है। इसी श्रंखला में “धरा सेवा, शिव सेवा” नाम से एक अन्य अभियान भी संचालित हैं। इसके माध्यम से भगवान शिव के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर कर, आम जनता को उनके वास्तविक स्वरूप को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

हाल ही में उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह से मिलने आए आश्रम के संस्थापक, प्रोफेसर पवन सिन्हा “गुरु जी” ने अपने नए अभियान “प्रोजेक्ट यूपीएससी” की जानकारी दी। इस दौरान, उन्होंने इस संवाददाता से बातचीत में अपने अन्य अभियानों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्हींने कहा कि भगवान शिव को नशे से जोड़कर, नशे का व्यापार बढ़ाया जाता है और भारतीय संस्कृति पर लगातार प्रहार किया जाता है। इसके विपरीत वह पिछले कई वर्षों से टेलिविज़न तथा अनेकों कार्यक्रमों के माध्यम से भगवान शिव के वास्तविक स्वरूप को दर्शाने तथा इन भ्रांतियों का पुरजोर विरोध करने में संलग्न हैं। 

प्रो सिन्हा ने बताया कि शिवपुराण की विधवेश्वर संहिता में प्रकृति के संवर्धन को भगवान शिव की आराधना का महत्वपूर्ण अंग बताया गया है। जिससे प्रेरित हो “धरा सेवा-शिव सेवा अभियान” को जन-जन तक पहुँचाने में पावन चिंतन धारा आश्रम का युवा प्रकल्प, युवा अभ्युदय मिशन प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत, प्रत्येक वर्ष देशभर के विभिन्न राज्यों में मिशन के सदस्य तथा आश्रम परिवारजन पौधारोपण करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में लगभग 3 लाख पौधे 17 राज्यों में उन स्थानों पर रोपित किए गए, जहाँ उनका भरण-पोषण किसी न किसी संगठन, समूह अथवा प्रशासन के निर्देशन में हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान के माध्यम से कई विश्व विद्यालय तथा स्कूलों के बच्चे भी प्रकृति की सेवा में अपना योगदान देते आए हैं।

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