पुलिस की ताले पर लगी सील तोड़कर जड़ा नया ताला, पीड़िता को नहीं सूझ रहा रास्ता 

अपराध

देहरादून (देशयोगी सुमिताभ)। देहरादून, जहां एक से बढ़कर एक पावर सेंटर के रूप में पहचान रखने वाले विराजते हैं, वहां गाहे बगाहे ऐसे काम होते रहते हैं, जिनपर कोई जल्दी बोलने को तैयार नहीं होता। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया। जिसमें एक मकान मालिक और किरायेदार के बीच हुई अनबन और फिर किरायेदार सहित उसका सामान बलपूर्वक बाहर फेंकने तथा लूट लेने के आरोपों के बाद पुलिस द्वारा ताला पर लगाई सील टूटी मिली। इतना ही नहीं नया ताला जड़ा मिला। 

पीड़िता किरायेदार अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में पहचाने जाने वाली आरुषि सुंदरियाल ने इस मामले की शिकायत पुलिस कप्तान से भी की है। हुआ यह कि पूर्व में कवियत्री से एक मंत्री की पत्नी बनी सोनिया आनंद रावत, ममता शर्मा और अज्ञात पर दर्ज हुए मुकदमे से संबंधित अपराध स्थल खुलवाया जाना था। दोनों पक्षों और पुलिस की मौजूदगी में जिस ताले को लगाकर अपार्टमेंट सीज किया गया था, उसके स्थान पर दूसरा ताला पाया गया। घटनास्थल पर लगे इस नए ताले के इर्द-गिर्द ताला तोड़े जाने के निशान साफ नजर आ रहे थे। इस संबंध में पीड़िता ने कप्तान को लिखित शिकायत दी है। साथ ही पूर्व में दी गई थाना बदलने से संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया।

घटनास्थल पर मौजूद पीड़िता आरुषि ने आरोप है कि “सीसीटीवी कैमरे में साफ नजर आने और चोरी, डकैती मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अभी तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित थाने की पुलिस अभी तक केवल पार्किंग के सीसीटीवी कैमरे ही खंगाल रही है। जिसमें आरोपी आते और जाते हुए साफ नजर आ रहे हैं परंतु अपार्टमेंट के अंदर लगे कैमरे जिनका वाई-फाई कनेक्शन आरोपियों ने अंदर घुसते ही काट दिया था, उन कैमरों को अभी तक पुलिस द्वारा जांच हेतु सुपुर्दगी में नहीं लिया गया। उनका कहना है कि इन्हीं सीसीटीवी कैमरा के वाई-फाई से मोबाइल पर कनेक्ट होने के कारण ही अपार्टमेंट में हो रही डकैती का पता चला था। अगर वहां कैमरे ना होते तो इन रसूखदार लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज न हो पाता। उन्होंने आगे कहा कि आज पुलिस द्वारा लगवाए गए ताले के स्थान पर ताला टूटने के निशान और दूसरा ताला देख कर मुझे लग रहा है कि अपार्टमेंट में मौजूद सीसीटीवी कैमरे और उनकी रिकॉर्डिंग के साथ संभवता छेड़छाड़ की गई है। साथ ही अपार्टमेंट में मौजूद अन्य सबूत और दस्तावेजों के साथ भी संभवता छेड़छाड़ की गई हो। 

पीड़िता कांग्रेस नेत्री ने संबंधित डालनवाला थाना पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही पर असंतोषजनक बताते हुए कहा कि इस मामले में डीजीपी को प्रार्थना पत्र लिखते हुए संबंधित थाना बदलने का आग्रह किया था। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डालनवाला थाने द्वारा लगातार मुझ पर आरोपियों के साथ समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर सभी साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद आरोपियों के पक्ष की फाइनल रिपोर्ट लगाने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसीलिए उन्होंने पूर्व में भी संबंधित थाना बदले जाने के संबंध में डीजीपी को प्रार्थना पत्र दिया था। 

पीड़िता के अनुसार, 20 अगस्त को अचानक उनके किराए के आवास पर बिना किसी बेदखली के आदेश या कानूनी नोटिस के बेघर कर दिया गया। सारा व्यक्तिगत और व्यवसाय का समान अवैध तरीके से कब्ज़ा लिया गया जिसमें से अधिकतर कीमती समान चोरी हो चुका है। अब देखना यह है कि पुलिस इन अपने आप में दमदार लोगों के मामले में क्या रुख अपनाती है। 

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