देहरादून (देशयोगी हेम पुरोहित)। उत्तराखंड राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) अपने गठन के बाद से ही इस हिमालयी राज्य की देवदूत की संज्ञा प्राप्त कर चुकी है। अब इसके जाबांजों को और बेहतर कार्य कुशल बनाने के लिए इंडियन रेस्क्यू अकादमी (आइटस ग्रुप, महाराष्ट्र), पुणे सहयोग करेगा। इसके लिए, शुक्रवार को एसडीआरएफ और आइटस ग्रुप के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ।
पुलिस महानिरीक्षक (आइजी), एसडीआरएफ, आइपीएस, रिधिम अग्रवाल ने शनिवार सुबह बताया कि एमओयू के अनुसार, संबंधित ट्रेंनिग एजेंसी एसडीआरएफ जवानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी। इसमें मेडिकल फर्स्ट रेस्पॉन्डर से लेकर फ्लड रेस्क्यू, ध्वस्त हो चुकी इमारतों में खोज और बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) के खतरों से बचाव के लिए भी जवानों को आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, सीबीआरएन उपकरणों की मरम्मत एवम् रखरखाव के लिए विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
श्रीमती रिधिम ने बताया कि यह प्रशिक्षण “ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स” (टीओटी) मॉडल पर आधारित होगा। जिसमें पहले चरण में एसडीआरएफ के जवानों को प्रशिक्षक के रूप में तैयार किया जाएगा। बाद में इन प्रशिक्षकों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो आगे अपनी टीमों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, एजेंसी द्वारा 03 दिवसीय मनोवैज्ञानिक देखभाल और परामर्श कोर्स भी आयोजित किए जायेंगे, जिसमें आपदा के दौरान रेस्क्यू दल के साथ ही आपदा पीड़ितों की मानसिक और भावनात्मक देखभाल हेतु जवानों को तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह साझेदारी न केवल आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण में सुधार करेगी, बल्कि यह एक राजस्व सृजन मॉडल भी है। जिसमें एसडीआरएफ के साथ ही अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूती मिलेगी और एसडीआरएफ की प्रशिक्षण क्षमता बढ़ेगी जिससे भविष्य में भी इस मॉडल से लाभ उठाया जा सकेगा।
इस एमओयू पर एसडीआरएफ की ओर से कमांडेंट, आईपीएस अर्पण यदुवंशी और इंडियन रेस्क्यू अकादमी की ओर से निदेशक अंकित वाघ ने हस्ताक्षर किए।