देहरादून (देशयोगी सुमिताभ)।
उत्तराखण्ड में भारतीय पुलिस . रिपीट. पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी और राज्य सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने मंगलवार को विभागीय बैठक में नई फिल्म नीति-2022 की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित बैठक से पहले रिहर्सल बतौर हुई इस बैठक के दौरान, श्री कुमार ने निर्देश दिये कि फिल्म निर्माण नीति को राज्य के विशेष सन्दर्भ में व्यवहारिक और सरल बनाया जाय। उन्होंने कहा कि इसका उदे्दश्य राज्य में अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग, रोजगार के साधन सृजन हो, स्थानीय कलाकारों को लाभ हो तथा प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों वाले डेस्टिनेशन को चिन्हित कर वहां पर फिल्म निर्माण के लिए फिल्म निर्माता/निर्देशकों को प्रेरित किया जाये।
श्री कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भांति एक फिल्म समारोह करके अभिनेता, अभिनेत्री, फिल्म निर्माता एवं निर्देशक को पुरस्कार देने के लिए वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय बोली, भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण को अंग्रेजी और हिन्दी भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण के समकक्ष महत्व दिया जाय।
विशेष प्रमुख सचिव ने फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, पुणे और सत्यजीत रॉय फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता में प्रवेश लेने वाले उत्तराखण्ड मूल के निवासी छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति के विशेष प्राविधान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से अधिक से अधिक रोजगार का सृजन होगा। होटल, टैक्सी व्यवसाय में बढोतरी होगी। स्थानीय कलाकारों को लाभ मिलेगा और राज्य को एस.जी.एस.टी. के रूप में अधिक धनराशि राजस्व के रूप में प्राप्त होगी तथा पर्यटन को बढावा मिलेगा।
बैठक में सूचना विभाग ई-ऑफिस का ढांचा शीघ्र विकसित करने तथा विभागीय आवश्यकता के अनुरूप सूचना विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। साथ ही, कार्मिकों को अधिक दक्ष बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने के भी निर्देश दिये गये।
बैठक में अनु सचिव, रजनीश जैन, संयुक्त निदेशक, आशिष कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, के. एस. चौहान, उप निदेशक, नितिन उपाध्याय एवं उप निदेशक, मनोज श्रीवास्तव मौजूद रहे।