देहरादून-उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखण्ड तथा उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद, द्वारा मौनपालन में शहद के अलावा उच्च मूल्य वाले मौन सहउत्पादों के उत्पादन को बढावा देने हेतु, मौनपालकों, विभागीय कर्मचारियों/अधिकारियों के क्षमता/दक्षता विकास हेतु राष्ट्रीय मौन परिषद, भारत सरकार के सहयोग से मंगलवार 3 मई से 08 मई तक चलने वाले सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हेमवती नन्दन बहुगुणा सभागार, राजकीय उद्यान सर्किट हाउस, देहरादून में किया गया। इस अवसर पर जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली एवं अल्मोड़ा के मौनपालकों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ निदेशक उद्यान, डा0 एच0एस0 बवेजा, द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। साथ ही, डा0 बवेजा द्वारा भारत में मौन पालन की वर्तमान स्थिति तथा संभावना पर व्याख्यान दिया गया। इनके द्वारा बताया कि मधुमक्खी पालन से किसानों को जहॉं एक ओर शहद उत्पादन से प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होता है वहीं दूसरी ओर पर-परागण द्वारा फसलोत्पादन में गुणात्मक वृद्धि से किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होता है।
राज्य में मौनपालन की अपार सम्भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न केन्द्रपोषित व राज्य/जिला सैक्टर की योजनाओं के अन्तर्गत मौनपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे जैविक एवं औषधीय गुणों से सम्पन्न गुणवत्तायुक्त मधु का निर्यात कर विदेशी पंूजी अर्जित करने की अपार सम्भावनायें विद्यमान हैं। जिसमें विभिन्न जनपदों के प्रशिक्षाथियों को प्रशिक्षित कर मौन उत्पादों को बढावा देते हुए, कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकेगी। साथ ही डा0 रतन कुमार, संयुक्त निदेशक, गढ़वाल मण्डल द्वारा उत्तराखण्ड में मौन पालन की स्थिति तथा इसकों बढावा देने हेतु उद्यान विभाग के दायित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।
डा0 बवेजा (निदेशक)
श्री अतर सिंह, निदेशक शिवालीक नेचुरल प्रोडक्ट कोटद्वार द्वारा मौन पालन के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी किसानों को दी गयी। केन्द्रीय मौन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, पूणे, महाराष्ट्र की सेवानिवृत्त सहायक निदेशक डा0 के0 लक्ष्मी राव, द्वारा रॉयल जेली के उत्पादन के सम्बन्ध में व्याख्यान दिया गया। प्रशिक्षण अवधि में शहद, पराग, प्रोपोलिस, रॉयल जेली आदि उत्पादों के महत्व, उत्पादन तकनीक, संग्रहण, प्रबन्धन एवं विपणन आदि विषयों पर डा0 के0 लक्ष्मी राव, आई0आई0टी0 रूडकी के वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ सूश्री श्वेता व अन्य विशेषज्ञों द्वारा व्यख्यान दिये जाएगे। मौनपालकों को रॉयल जेली उत्पादन में दक्ष बनाने हेतु प्रतिदिन व्याख्यान के पश्चात राजकीय उद्यान सर्किट हाउस में स्थित मौनशाला में रॉयल जेली के उत्पादन के सम्बन्ध में प्रायोगात्मक कार्य भी कराये जाएगे। प्रशिक्षण के दौरान डा0 सुरेश राम, संयुक्त निदेशक मुख्यालय द्वारा किसानों के प्रश्नों के उत्तर दिये गये।
इस अवसर पर, संयुक्त निदेशक गढवाल मण्डल डा0 रतन कुमार, संयुक्त निदेशक मुख्यालय डा0 सुरेश राम, खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी डा0 रोहित बिष्ट, एन0एस0बिष्ट, दीपक पुरोहित, सुरभि पाण्डे, प्रियंका भडे़थी, हेमवती नन्दन, दीपक प्रकाश, आयुष बहुगुणा, भूपेश नेगी आदि विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे