विश्व हिंदी दिवस पर बरेली में जुटे पुरोधा

राज्य

 बरेली (देशयोगी अमर पाल सिंह रोम्पी)।

उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड मंडल मुख्यालय मेरी बरेली मंच नामक संस्था के तत्वावधान में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि आनंद गौतम की अध्यक्षता, पी के दीवाना के मुख्य आतिथ्य और  राजीव श्रीवास्तव की उपस्थिति में इस संगोष्ठी का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ। डॉ दीपंकर गुप्त ने मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की ।

मुख्य अतिथि श्री दीवाना ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की परंपरा आज से लगभग 45 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रारंभ की थी।

विशिष्ट अतिथि राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारा राष्ट्र अपनी  राष्ट्रभाषा हिंदी जो कि विश्व की बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरा स्थान रखती है का आज बड़े गौरव के साथ मान सम्मान बढ़ रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आनंद गौतम ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज हमारे लिए चिंता का विषय है कि विश्व की तीसरी बोले जाने वाली हिंदी भाषा आज अपने अपेक्षित स्थान और सम्मान से वंचित है। उसे अभी तक संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का पद नहीं मिल सका है।

इस अवसर पर अनेक लोगों की गरिमामई उपस्थिति रही। जिनमें गजेंद्र सिंह, सुधाकर पाठक, महेश कुमार शर्मा, संतोष आनंद, डॉ वंदना शरद, अन्विता कृति प्रमुख रहे। उपस्थित सभी साहित्यकारों ने हिंदी विषय से जुड़ी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं तथा वर्तमान समय में हिंदी की दशा और दिशा पर चिंतन किया। संचालन डॉ दीपंकर गुप्त ने किया।

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