देहरादून (देशयोगी संजय)। दस साल पहले वर्ष 2014 में अपने नाम नागराज से इतर, दोस्त को सोते वक्त गले पर सरिया घुसेड़ कर मारने के बाद, चेहरे को तेजाब से नेस्तनाबूद कर, गड्ढा खोदकर दबाने वाला नागराज उर्फ तिलकराज को देवभूमि उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की टीम ने सीआईडी स्टाइल में देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई से गिरफ्तार किया है। वहां से उसे रिमांड पर लाकर, गुरुवार को अल्मोडा जनपद की संबंधित थाना पुलिस के सुपुर्द किया गया है। अभियुक्त पर डीआईजी कुमायूं ने बीस हजार रुपए का इनाम रखा हुआ था। इसे तलाश करने के लिए एसटीएफ के दो जवान कई महीनों से मुम्बई में ही उसकी गतिविधियों पर सीआईडी स्टाइल में कभी भिखारी बनकर और कभी रईस बनकर नजर रखे थे।
एसटीएफ के एसएसपी, आईपीएस, आयुष अग्रवाल ने आज बताया कि एसटीएफ ऐसे सभी शातिर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में लगी है, जिनकी गिरप्तारी विगत कई सालों से पुलिस के लिये एक गुत्थी बन गयी है। इसके लिये एसटीएफ की टीमें लगातार विभिन्न राज्यों में छापामारी के साथ, ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रही है और उन्हें पकड़कर सलाखों के पीछे भेज रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे ही 10 साल पूर्व, 14 अक्तूबर, 2014 में थाना लमगढ़ा, जनपद अल्मोड़ा में एक अज्ञात अधजला नर कंकाल बरामद हुआ था। जिसकी शिनाख्त गुलाब सिंह पुत्र भादलूराम, निवासी ग्रांम गवाली, तहसील पधर, जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश)के रूप में उसके भाई अमर सिंह द्वारा की गयी थी। गुलाब सिंह की हत्या के सम्बन्ध में पुलिस को जानकारी मिली कि दिनांक 10.03.2014 को गुलाब सिंह और उसके पड़ोसी गांव कुंडल निवासी नागराज उर्फ तिलकराज लीसे के कार्य के लिये अल्मोड़ा आये थे। जहां नागराज ने किसी बात पर गुलाब सिंह की धारदार हथियार से हत्या करके शव की शिनाख्त छुपाने के लिये उसके मुंह को जलाकर घास के नीचे छिपा दिया और वापस अपने गांव चला गया था। श्री अग्रवाल ने बताया कि गुलाब सिंह की हत्या करने के शक के रूप में नागराज के विरूद्ध थाना लमगढ़ में हत्या का अभियोग पंजीकृत कराया गया। हत्यारोपी की जब स्थानीय पुलिस द्वारा गिरप्तारी करनी चाही तो अभियुक्त अपने हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले स्थित निवास से फरार हो गया था। अभियुक्त की काफी तलाश की गयी लेकिन हत्यारोपी पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। पुलिस द्वारा उसके हिमाचल प्रदेश स्थित घर में कुर्की तक की गयी लेकिन अभियुक्त पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा। इस पर न्यायालय द्वारा मफरूर घोषित किया गया। एसएसपी, एसटीएफ ने बताया कि तब से लगातार उसकी गिरफ्तारी को सुरागकसी की जा रही थी। इस बीच उसके मुम्बई में होने की जानकारी मिली। इस पर, एसटीएफ के दो जवान कैलाश नयाल और अर्जुन रावत को अभियुक्त नागराज की टोह लेने उसके गांव हिमाचल प्रदेश भेजा। जहां पर उसके बारे में एसटीएफ को कुछ ठोस जानकारी हासिल हुयी कि वह इस समय मुम्बई में किसी होटल पर काम कर रहा है। इसके पश्चात एसटीएफ की टीम में नियुक्त दोनो जवानों द्वारा मुम्बई में विगत काफी समय से अपना डेरा जमाकर अभियुक्त के बारे में मैनुवली सूचनायें एकत्रित की गयी और उसकी गिरप्तारी सुनिश्चित की गयी। अभियुक्त नागराज उर्फ तिलकराज वहां एनटॉप हिल पुलिस स्टेशन एरिया के पास “पाया सूप बार” में काम कर रहा था। जहां पर एसटीएफ टीम द्वारा गिरप्तारी की गयी। उन्होंने बताया कि अभियुक्त की गिरप्तारी में मुम्बई पुलिस का भी सहयोग रहा है।