नई दिल्ली (देशयोगी अनुज सक्सेना)। विवादों का पर्याय बनी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अस्थाई नौकरी खत्म हो गई है। संघ लोक सेवा आयोग ने उनकी अस्थाई उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, उन पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी गई है। आयोग ने इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि अगर पूजा खेडकर पर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। यूपीएससी ने भी पूजा खेडकर को इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में पूछा गया था कि क्यों न पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी को रद्द किया जाए। मसूरी स्थित लाल बहादुर प्रशासनिक अकादमी में भी उन्हें अपना पक्ष रखने को बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार, वह वहां भी अपना पक्ष रखने नहीं पहुंची। यूपीएससी ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी कि पूजा खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान पत्र बनवाए। शिकायत में कहा गया है कि खेडकर ने धोखाधड़ी से परीक्षा दी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर का तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था। उन्हें अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली थी। जहां उन्होंने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं। इसके अलावा, उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने का भी आरोप है। खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। बताया गया है कि खेडकर ने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ के प्लेट लगवाई। जिसमें बैठकर वह घूमती देखी गईं।
