श्री बदरीनाथ धाम (देशयोगी प्रभात)। श्री बदरीनाथ धाम में मंगलवार को नंदाष्टमी (राधाष्टमी) पर्व का शुभारंभ हो गया। बामणी स्थित मां नंदा मंदिर में नंदा महोत्सव के अवसर पर पूजा-अर्चना शुरू हो गयी। साथ ही, मां नंदा, कुबेर कैलाश के पश्वाओं के आह्वान के साथ, मां नंदा को भेंट करने को पुष्प लिए भक्तगण उच्च हिमालयी बुग्याल कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान कर गये।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि बुधवार को मां नंदा को समर्पित करने हेतु फूलों की कंडियो के साथ श्रद्धालु भक्त बामणी गांव पहुंचेगे। तीन-दिवसीय नंदा महोत्सव बृहस्पतिवार तक चलेगा। उन्होंने बताया कि नंदाष्टमी के शुभारंभ पर बीकेटीसी, उपाध्यक्ष, किशोर पंवार, नंदा माता पश्वा भगत मेहता, कुबेर पश्व अखिल पंवार, कैलाश पाश्र्व सत्यम राणा, फूल लाने हेतु गये भक्त (फुलारी) रितेश सनवाल, प्रवेश मेहता, सार्थक भट्ट, प्रसन्न मेहता, युवक मंगल दल से अमन भट्ट, अतिशय भट्ट, निश्चय मेहता, महिला मंगल दल से बीना पंवार, संगीता मेहता, सविता मेहता, मनोरमा मेहता, सरिता रावत, पुन्नी देवी, सहित विकास सनवाल अमित पंवार, हरेंद्र कोठारी आदि सभी श्रद्धालु पूजा-अर्चना में शामिल हुए। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भी मां नंदा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे।
इससे पहले देवपश्वागण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंचे। जहां बीकेटीसी उपाध्यक्ष श्री पंवार तथा प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी ने देव पश्वागणों का अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया तथा भक्तों को फूल लाने हेतु कैलाश पर्वत की ओर रवाना भी किया। इस अवसर पर महिला मंगल दल बामणी ने मां नंदा जागर गाकर सभी को भावविभोर कर दिया।
डा गौड़ ने बताया कि आज ही श्री बदरीनाथ मंदिर में रोट का प्रसाद चढ़ाया गया। मंदिर परिसर में मां नंदा के अलावा, हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की गयी। उन्होंने बताया कि इससे पहले सोमवार देर सायं धाम में गणपति की मूर्ति को गांधी घाट पर अलकनंदा नदी में विसर्जन किया गया।