देहरादून (देशयोगी हेम पुरोहित)। विद्यार्थियों के भीतर छिपी उनकी अन्य योग्यताओं को बाहर लाने और उनकी प्रतिभा निखारने के लिए किताबी पढ़ाई के साथ, अन्य गतिविधियों में भी प्रतिभाग कराना चाहिए। यह उदगार गुरुवार को कैमिस्ट्री गुरु के रूप में विख्यात ब्लूमिंग माइंड कोचिंग संस्थान के चेयरमैन डा प्रभात सती ने व्यक्त किए। वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नेहरू ग्राम स्थित शिशु शिक्षा निकेतन जूनियर हाईस्कूल के विद्यार्थियों के लिए मेलोडिक स्पार्कल मूव्स एण्ड टेलेंट ग्रुप की ओर से एक होटल में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में विद्यार्थियों में रचनात्मक क्षमता उत्पन्न किया जाना बहुत आवश्यक है। साथ ही, उनके भीतर राष्ट्रवादी सोच भी उत्पन्न किया जाना महत्वपूर्ण है।
डा सती ने कहा कि भारत सरकार ने इसी भावना को दृष्टिगत रख, शिक्षा पद्वति में बदलाव किया। जिसके बेहतर परिणाम आने भी शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ, अपनी योग्यता को विकसित करने के लिए विभिन्न माध्यम उपलब्ध हैं। यही कारण है कि उनके अंदर नवोन्मेषी और नवाचार के गुण विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता के बाद से लगातार इसका अभाव था, जो अब दूर होता दिख रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वर्तमान पीढ़ी नवोन्मेषी शिक्षा से देश को एक बार फिर “सोने की चिड़िया वाला देश” बनाएगी।

इससे पूर्व, कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डा सती, लक्ष्मी गौर थपलियाल और मेलोडिक स्पार्कल मूव्स एंड टैलेंट की अध्यक्ष कल्पना जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर की। शुभांगी बिष्ट ने “वंदे मातरम्” का वाचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती जोशी ने उपस्थित बालक, बालिकाओं को मॉडलिंग के गुर सिखाये। जबकि रचना पंचपाल ने “तेरे सुर और मेरे गीत” गीत गाया। अन्य स्कूली बच्चों ने नृत्य, नाटिका और मॉडलिंग के विभिन्न प्रस्तुतिकरण दिए। जबकि, मोटिवेशनल स्पीकर अर्चना गुनियाल ने विद्यार्थियों के लिए अनेक उपयोगी टिप्स बताए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कल्पना जोशी ने तथा संचालन रचना पंचपाल ने किया। कुलदीप पंचपाल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर, समृद्धि पंचपाल, कमला बडोनी, सुमन डोभाल, उर्मिला थापा और अन्य महिलाओं ने भाग लिया।