डीएई-एनयूजे के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकार कार्यशाला आयोजित

राष्ट्रीय

इंदौर (देशयोगी रवींद्र नाथ कौशिक)। सार्वजनिक जागरूकता और मीडिया इंटरैक्शन डिवीजन, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) द्वारा 3-5 अक्टूबर के दौरान, राजा रमन्ना प्रगत प्रद्योगिकी केंद्र, इंदौर में एनयूजे के संयुक्त तत्वावधान में एक पत्रकार कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए 25 पत्रकारों ने भाग लिया। 

कार्यशाला का उद्घाटन राजा रमन्ना प्रगत प्रद्योगिकी केंद्र के निदेशक यू.डी. माल्शे ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में विशेष रूप से परमाणु कार्यक्रम के लिए विकसित स्पिन-ऑफ प्रौद्योगिकियों और उनके सामाजिक अनुप्रयोगों का परिचय दिया। उन्होंने अपने भाषण में विशेष रूप से खाद्य और कृषि, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तथा औद्योगिक क्षेत्रों पर केंद्रित विकसित प्रौद्योगिकियों के कुछ उदाहरण दिए। उन्होंने संक्षेप में लेजर और पार्टिकल एक्सेलरेटर के अनुप्रयोगों का वर्णन किया जिनका सामाजिक बेहतरी पर दूरगामी प्रभाव होगा। उन्होंने अपने भाषण में परमाणु ऊर्जा विभाग की गतिविधियों को आम जनता तक पहुंचाने तथा परमाणु ऊर्जा विभाग की प्रौद्योगिकियों की स्वीकारता में तेजी लाने में मीडिया के महत्व का भी उल्लेख किया। 

इस तीन दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। परमाणु  ऊर्जा विभाग ने कार्यशाला के समानांतर एक प्रदर्शनी भी लगाई, जहां परमाणु ऊर्जा विभाग की विभिन्न इकाइयों जैसे कि बीएआरसी, ब्रिट, आईजीसीएआर और आरआरकैट ने सामाजिक लाभ के लिए विकसित प्रौद्योगिकियों के पोस्टर और मॉडल लगाए हैं। 

इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष अशोक मलिक ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित कार्यशालाओं से उन्हें परमाणु ऊर्जा विभाग की गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से लगभग 1000 पत्रकारों को लाभ मिला है। उन्होंने आगे कहा कि उनका प्रयास परमाणु ऊर्जा विभाग के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना तथा विद्युत एवं गैर-विद्युत दोनों प्रकार की परमाणु ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है। तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारों को भविष्य के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देना था। इसके अलावा, पत्रकारों को विभिन्न प्रयोगशालाओं में भी ले जाया गया और उन्हें वहां किए जाने वाले प्रयोगात्मक कार्यों को भी दिखाया गया। समापन सत्र में पत्रकारों के विभिन्न सवालों के उत्तर वैज्ञानिकों ने दिए। कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रत्येक पत्रकार को भागीदारी प्रमाण-पत्र दिया गया। इस दौरान, सभी पत्रकारों को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के भी दर्शन करने ले जाया गया।

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