नई दिल्ली/देहरादून (कविता पंत)। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद की धारचूला विधानसभा क्षेत्र स्थित रॉलम गांव के निवासियों की सेवा, आतिथ्य और समर्पण के लिए भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईएस) राजीव कुमार ने पत्र लिखकर आभार प्रकट किया है। उन्होंने इसके साथ ही, भारत, तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के जवानों की भी सराहना की है। सीईसी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि सीईएस श्री राजीव बीते 16 अक्तूबर को पिथौरागढ़ के 42-धारचूला विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ एवं हाई-एल्टीट्यूड मतदान स्थलों में शामिल ग्राम मिलम, मरतोली, गनघर एवं पांछू आदि में निर्वाचन प्रक्रिया के संचालन एवं संपादन के संबंध में धरातलीय अध्ययन के लिए प्रवास के लिए आए थे। इस दौरान, मौसम की खराबी के कारण, उनकी पिथौरागढ़ जिले के मुन्स्यारी तहसील स्थित रॉलम गांव में दोपहर लगभग 12.30 बजे पायलट द्वारा हैलीकॉप्टर की एहतियातन लैंडिंग की गई। रॉलम ग्राम के भौगोलिक रूप से उच्च हिमालयी, हिमाच्छादित क्षेत्र में होने के कारण, इसके सभी निवासी अपने शीतकालीन प्रवास ग्राम पातौं आदि में कुछ ही दिन पहले शिफ्ट हो गए थे और वर्तमान में पूरा रॉलम गांव एकदम खाली था।
रॉलम का शीतकालीन प्रवास पातौं गांव के ईश्वर सिंह नबियाल के साथ में सुरेन्द्र कुमार एवं भूपेन्द्र सिंह ढकरियाल क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थिति एवं लगातार हो रही वर्षा हिमपात जैसी मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद, अपनी जान की परवाह किए बिना 38 किमी. से अधिक पैदल दूरी के पहाड़ी अति दुर्गम रास्तों से चलकर, रात्रि लगभग 01.00 बजे जीवन रक्षक और खाद्य सामग्री सहित ग्राम-रॉलम पहुंचे।
सीईएस श्री राजीव ने अपने पत्र में लिखा है कि “कहावत है कि ‘डूबते को तिनके का सहारा, हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई, जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर ग्राम-रॉलम पहुंचा। इस दल के साथ उनका पालतू श्वान भी था, जो दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था।” उन्होंने रॉलम वासियों की सेवा समर्पण की तारीफ़ करते हुए लिखा, “सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सब की जीवन रक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत कर दिया। आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी की इस मिसाल को “एस ए फर्स्ट रिस्पॉन्डर” (as a first responder) की पॉलिसी को प्रशासन सशक्त रूप से अपनायेगा। स्थानीय निवासियों को प्रेरित एवं सम्मानित करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। मैं आप सभी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आपके स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की कामना करता हूं।” उन्होंने इसके साथ ही आईटीबीपी के महानिदेशक को भी पत्र लिखकर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात रेस्क्यू टीम की सराहना की है।