भारत और मारीशस सिर्फ साझेदार नहीं बल्कि एक परिवार: प्रधानमंत्री मोदी

अंतरराष्ट्रीय

नयी दिल्ली (कविता पंत से) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय बैठक कर कहा कि भारत मारीशस सिर्फ साझेदार नहीं बल्कि एक परिवार हैं।

इस बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि  हमारी संस्कृति और संस्कार, सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे, और वहां की जीवन-धारा में रच-बस गए। काशी में मां गंगा के अविरल प्रवाह की तरह, भारतीय संस्कृति का निरन्‍तर प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है और आज, जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक आत्मिक मिलन है।

उन्होंने कहा कि विकास सहयोग के क्षेत्र में भारत ने एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जो न सिर्फ बुनियादी ढांचा मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के अवसरों और स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि यह पैकेज सहायता नहीं, बल्कि दोनों देशों के साझा भविष्य में एक दीर्घकालिक निवेश है। 

उन्होंने यह भी बताया कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केन्‍द्र मॉरीशस में खोला गया है, और भारत मॉरीशस में 500-बिस्तरों वाला सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल, पशुचिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल की स्थापना में भी सहयोग करेगा। साथ ही एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एटीसी टावर, चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया और रिंग रोड जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वित्त और ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय रिश्ते तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष मॉरीशस में यूपीआई और रुपे कार्ड की शुरुआत हो चुकी है, और अब दोनों देश स्थानीय मुद्रा में व्यापार की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत, मॉरीशस के ऊर्जा परिवर्तन्‍ में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। भारत की ओर से दी जा रही 100 इलेक्ट्रिक बसों में से 10 मॉरीशस पहुंच चुकी हैं। साथ ही, ‘तमारिंड फॉल्स’ में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन विकास भी इस साझेदारी का एक मजबूत स्तंभ है। अब तक 5000 से अधिक मॉरीशस के नागरिकों ने भारत में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। मार्च 2025 की यात्रा के दौरान मॉरीशस के 500 प्रशासनिक अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था, जिनमें से पहला बैच फिलहाल मसूरी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि मॉरीशस में एक नया विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय  स्थापित किया जाएगा और जल्द ही मॉरीशस में ‘मिशन कर्मयोगी’ के प्रशिक्षण मॉड्यूल भी लागू होंगे। इसके साथ ही, आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने मॉरीशस विश्वविद्यालय के साथ जो समझौते किए हैं, वे शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

इस मौके पर  के मारीशस प्रधानमंत्री रामगुलाम ने कहा क‍ि हमें भारत से तकनीकी सहयोग की आवश्यकता है। हमें निगरानी की आवश्यकता है। हमारे पास निगरानी की क्षमता नहीं है। इसके साथ ही, हम डिएगो गार्सिया सहित चागोस का दौरा करके वहां अपने देश का झंडा भी लगाना चाहते हैं। हम एक जहाज चाहते थे। इसके लिए ब्रिटिश हुकूमत ने हमें पेशकश की, लेकिन हमने कहा कि हम भारत से लेना पसंद करेंगे क्योंकि प्रतीकात्मक रूप से यह बेहतर होगा। दरअसल डिएगो गार्सिया सहित चागोस भी भारत की सुरक्षा के ल‍िहाज से बड़ा केन्‍द्र है जो मॉरीशस का हिस्‍सा होने के बाद भी ब्र‍िटेन और अमेर‍िका के कब्‍जे में है।

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