देहरादून (देशयोगी अनुज)।
श्रावण मास में भगवान शिव को गङ्गा जल से अभिषेक करने की सनातन और पौराणिक परम्परा का परिपालन जनसंख्या वृद्वि के अनुपात में अनवरत बढ़ता जा रहा है। गौमुख, गंगोत्री ही नहीं, हरिद्वार स्थित हर की पैड़ी सहित देश की विभिन्न पवित्र नदियों गङ्गा, यमुना, नर्मदा, रामगंगा इत्यादि से कांवड़ में रखकर शिवालय तक ले जाने की परम्परा आज भी विद्यमान है।
पिछले दो वर्ष लगातार कोविड-19 संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा भी प्रभावित हुई। इस बार संक्रमण में कमी को देखते हुये तीर्थ स्थानों पर उम्मीद से अधिक श्रद्वालुओं के पहुंचने से कांवड़ यात्रा में भी बड़ी संख्या में शिव भक्त, जिन्हें भोले भी पुकारा जाता है, कांवड़ यात्रा में आने की प्रबल सम्भावना है।
उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इस बार तीन करोड़ से अधिक भोले राज्य में गङ्गा जल लेने अन्य राज्यों से आने का अनुमान है। इसलिए इस बार सुरक्षा और यातायात व्यवस्था भी पहले की तुलना में और बेहतर की गई है। इसी दृष्टिकोण से नये यातायात बन्दोवस्त किये गए हैं। यहां प्रस्तुत हैं इस व्यवस्था की जानकारी। ताकि आम जनता इसे देखकर ही अपने घर से निकले।
इतना ही नहीं, राज्य पुलिस ने सभी कांवड वालों से ऑनलाइन पंजीकरण कराने का भी अनुरोध किया है। इसके लिये कांवड मेला-2022 में उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा रजिस्ट्रेशन हेतु पोर्टल https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad खोला गया है।
सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है की पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके ही कांवड मेला 2022 में आएँ। जिससे आपको यात्रा में कोई असुविधा न हो।



