चयन आयोग में पर्चा आउट कराने वाले कोचिंग डायरेक्टर सहित 06 अरेस्ट

अपराध

देहरादून (देशयोगी हरिओम)।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (यूएसएसएससी) द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के पर्चा लीक मामले में लंबे समय के बाद रविवार को राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो व्यक्ति परीक्षा सेल से सम्बद्व रहे हैं, जबकि एक डिफेंस कोचिंग संस्थान की आड़ में फर्जी काम करने वाला शामिल है। गिरफ्तार व्यक्तियों से 37.10 लाख रुपये की नगद धनराशि भी बरामद की गई है। इस परीक्षा में राज्य के करीब 1.60 लाख  युवाओं द्वारा भाग लिया गया था।

एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र संगठनों द्वारा उक्त परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका के सम्बन्ध में  मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन दिया गया। इसके बाद थाना रायपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर मामले की जांच एसटीएफ को दी गई। जिसने आज इसका खुलासा कर दिया।

श्री सिंह ने बताया कि इस सम्बंध में पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी, निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा, मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी, निवासी ग्राम पाटी, जिला चम्पावत, जयदीप दास पुत्र विमल दास निवासी पण्डितवाडी, थाना कैण्ट, देहरादून,  शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी, देहरादून, गौरव नेगी, निवासी नजीमाबाद किच्छा, ऊधमसिंह नगर (सभी उत्तराखण्ड) और कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर (उ0प्र0) हॉल निदेशक, डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर, डालनवाला देहरादून को गिरफ्तार किया गया है।

एसपी, एसटीएफ ने बताया कि अभियुक्त जयदीप की निशानदेही पर उनके कब्जे से लगभग 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ जो उनके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। उन्होंने बताया कि मनोज जोशी 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया । इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था। जबकि जयजीत दास आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रा लि के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से  कार्यरत् था। उक्त कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे। जिस कारण जयजीत दास की जान-पहचान मनोज जोशी उपरोक्त से हुई।श्री सिंह ने बताया कि आयोग कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी का भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी हेतु आना-जाना रहता था। जिस कारण उक्त की पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी। मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी के द्वारा भी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी की जा रही थी जिस कारण उसका अभियुक्त कुलवीर सिंह चौहान, निदेशक व शिक्षक डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर के माध्यम से शूरवीर सिंह चौहान की पहचान मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी से हुई।

उन्होंने बताया कि सितारगंज में गौरव नेगी की मुलाकात मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी से हुई थी, जो किच्छा में ही प्राईवेट स्कूल में शिक्षक था तथा ग्रुप सी में स्नातक स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। शूरवीर व कुलवीर द्वारा अपने जान पहचान के परीक्षार्थियों के सम्बन्ध में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी को बताया था। जिसपर मनोज जोशी उपरोक्त द्वारा मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास उपरोक्त से पेपर लीक कराने के सम्बन्ध में बताकर जयजीत दास को मनोज के माध्यम से 60 लाख रूपये दिये थे।

एसपी ने बताया कि जयजीत दास द्वारा यूकेएसएससी में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था, फिर उन प्रश्नों को  मनोज जोशी पुत्र बालकिशन उपरोक्त के माध्यम से मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी, कोचिंग डायरेक्टर कुलवीर सिंह चौहान, शूरवीर सिंह चैहान, गौरव आदि के माध्यम से परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को  परीक्षा की तिथि से 01 दिन पहले रामनगर स्थित एक  रिसोर्ट में मनोज के नाम से 03 कमरे बुक कराकर उक्त रिसोर्ट में उक्त लीक प्रश्नों को याद कराकर छात्रों को अगली सुबह एग्जाम सेंटर तक छोड़ दिया जाता  था।

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