देहरादून (देशयोगी सुमिताभ)।
देहरादून नगर निगम के टाउन हॉल में शुक्रवार को अभ्युदय वात्सल्यम संस्था के बैनर तले एक कवि सम्मेलन संस्था अध्यक्षा डॉक्टर गार्गी मिश्रा व डॉक्टर अशोक मिश्रा द्वारा आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विशिष्ठ अतिथि देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, रुड़की मेयर गौरव गोयल एवं पद्मश्री डॉ माधुरी बर्थवाल उपस्थित रहे।
वरिष्ठ कवि बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में हुए इस कवि सम्मेलन में स्थानीय व देश के अनेक कवियों ने अपनी। रचनाधर्मिता का परिचय दिया। संचालन अग्निधर्मी कवि श्रीकांतश्री द्वारा किया गया।
कवि सम्मेलन में अनूप भारतीय की देशभक्ति की हुंकार, समोद चरोरा की शानदार देशभक्ति कविताएं, सुदेश चरोरा की शानदार ग़ज़ल, बुद्धिनाथ मिश्र की गीतों की बयार, जसवीर सिंह हलधर की किसानों को समर्पित कविता, महिमाश्री की द्रौपदी पर रचित शानदार कविता, डॉ प्रीति की नारी को समर्पित कविता और डॉक्टर प्रतीक गुप्ता की हास्य कविताओं से यह समारोह कभी ना भूलाये जाने वाला समारोह बन गया।
हंसने का अगर मन हो हंसा दूं क्याअगर मन हो तो गीतों से नचा दूं क्या।कहो तो देश की माटी, वतन की शान की खातिर तिरंगे से इस महफिल को सजा दूं क्या।। -डॉ. प्रो. प्रतीक गुप्ता।
सर जहां पर था हमारा पैर कर आए हैं हम ।मुल्क बटवारे में अपने गैर कर आए हैं हम ।।अब हमारा देश फिर से बट न जाए साथियों ,खून की बहती नदी में तैर कर आए हैं हम ।। जसवीर सिंह “हलधर”
तिरंगे की हिफाज़त के सभी अधिकार रखता हूँ ,सिपाही हूँ कलम के साथ में हथियार रखता हूँ ।।मुझे मालूम है, दरिया डुबाने पर है आमादा ,मगर तैराक हूँ, हिम्मत की मैं पतवार रखता हूँ ।।~~कमांडो समोद सिंह
भले ही दीप से पूजा तू आठोयम मत करना,मिले कोई मोहल्ले में तो राधेश्याम मत करना,नमन करना या मत करना कोई कुछ ना कहेगा पर,शहीदों की शहादत को कभी बदनाम मत करना।श्रीकांत श्री
मौन है अंबर मौन दिशाएं मौन हुई है धरा सारी,द्रौपदी आज सभा में लुटती लाज बचा लो गिरधारी।महिमा श्री
कौन है हिन्द का घुसपैठिया हम देखे तो सहीहै दम तो अपना दम दिखा हम देखें तो सही।। गार्गी मिश्रा
ना जाने क्यों हमारी पूरी नेत नही होतीये तो दुनिया जानती है की कफन में जेब नही होती। डा प्राची कंडवाल