माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन अधिनियम की दो धारा बदलने का विरोध

राज्य


लखनऊ (देशयोगी अन्तरिक्ष)। 
उत्तर प्रदेश
सरकार द्वारा विधान मण्डल में पारित कराये गए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में शिक्षकों की सेवा, सुरक्षा की धारा 21 और प्रधानाचार्यों की तदर्थ पदोन्न्नति सम्बन्धी धारा 18 समाप्त किए जाने का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया है। शनिवार को संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एम0एल0सी0, प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र, महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, एवं प्रदेशीय मंत्री डा0 आर0के0 त्रिवेदी ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया। इन शिक्षक नेताओं ने राज्य सरकार से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा, सुरक्षा सम्बन्धी धारा 21 एवं प्रधानाचार्यों की तदर्थ पदोन्नति सम्बन्धी धारा 18 उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में बढ़ाने की मांग की।

संगठन के प्रदेशीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 और 18 समाप्त किए जाने पर व्यापक विचार विमर्श एवं निर्णायक संघर्ष की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए 27 अगस्त को जय नारायण इण्टर कालेज, लखनऊ में संगठन के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एम0एल0सी0 की अध्यक्षता में राज्य परिषद की बैठक आहूत की गई है। जिसमें नेता, शिक्षक दल, ध्रुव कुमार त्रिपाठी, एम0एल0सी, प्रदेशीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं सदस्यों के अलावा, सभी मंडलों के अध्यक्ष, मंत्री, सभी जनपद अध्यक्ष, मंत्री तथा जनपद से राज्य परिषद सदस्य सम्मिलित होगे। 

डा0 मिश्र ने बताया कि संघ अध्यक्ष, पूर्व एम0एल0सी0 स्व0 ओम प्रकाश शर्मा की अगुवाई में शिक्षकों के लम्बे संघर्ष के पश्चात, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में प्रबन्धकों के उत्पीड़न से बचाव के लिए तथा शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए धारा 21  बनाई गई थी। जिसमें बिना चयन बोर्ड की पूर्वानुमति के प्रबन्ध तन्त्र किसी शिक्षक के विरूद्व कोई दण्डात्मक कार्यवाही नही कर सकता था। साथ ही, चयन बोर्ड की अनुमति के बिना सेवा समाप्त, वेतन अवरोध आदि किसी भी प्रकार की कार्यवाही शून्य मानी जाती थी। माध्यमिक शिक्षक सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 18 के अन्तर्गत विद्यालय में स्क्ति होने वाले प्रधानाचार्य के पद पर यदि 60 दिनों तक प्रधानाचार्य की नियुक्ति नही होती है तो विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक की तदर्थ प्रधानाचार्य के रूप पदोन्नित होती है।

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