देहरादून (देशयोगी इमरान)। उत्तराखंड के प्रतिष्ठित ट्रांसपोर्ट कारोबारी मिश्री लाल जायसवाल का अस्पताल में उपचार के दौरान शुक्रवार को निधन हो गया। वह लगभग 67 वर्ष के थे। वह देशबोध समाचार पत्र के स्थानीय संस्करण में समाचार संपादक पंकज जायसवाल के पिता थे।
राज्य के प्रमुख ट्रांसपोर्टर लक्ष्मी गुड कैरियर्स के स्वामी मिश्री लाल जायसवाल नेमहंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज में अन्तिम सांस ली। उन्हें पिछले सप्ताह पैर में चोट लगने के बाद हुए जख्म का इलाज कराने के लिए इंदर रोड स्थित कृष्णा मेडिकल हॉल में भर्ती किया गया था। जहां एक छोटे से ऑपरेशन के बाद, अन्य जांचों के लिए महंत इंद्रेश में भर्ती किया गया। यहां शुक्रवार सुबह उनके सीने में तेज दर्द के बाद चिकित्सक आईसीयू में ले गए, जहां थोड़ी ही देर में उन्होंने प्राण त्याग दिए।
अत्यन्त मृदुभाषी श्री जायसवाल बहुत धार्मिक और गरीबों की मदद को हमेशा तत्पर रहने वाले व्यापारी के रूप में विख्यात थे। उन्होंने पिछले वर्ष ही, अपने छोटे पुत्र पंकज के विवाह के साथ ही, अपने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिलांतर्गत, मूल निवास में एक विशाल भव्य मंदिर की स्थापना की। वह अपने पीछे दो बेटे, दो बेटियों के साथ बिलखती पत्नी को छोड़ गए हैं। उनके चारों बच्चे विवाहित हैं। उनके निधन की सूचना मिलते ही, स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों और पत्रकार जगत में शोक व्याप्त हो गया। शुक्रवार को ही उनकी पार्थिव देह को हरिद्वार में गंगा तट पर पंच तत्व में वैदिक परंपरा अनुसार, समर्पित कर दिया गया। उनके बड़े पुत्र नीरज जायसवाल ने मुखाग्नि दी।
देशबोध परिवार की ओर से स्वर्गीय जायसवाल जी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए, ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को यह विराट दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।