हरिद्वार/देहरादून (संजय पाठक)।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल के उत्तराखण्ड के हरिद्वार में रविवार को सम्पन्न दो दिवसीय अधिवेशन में समान नागरिक संहिता सहित चार प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गई। अधिवेशन में देश भर से पहुंचे साधु-सन्तों ने ज्वलन्त मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये।अधिवेशन समापन के पश्चात, विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से चार विषयों को महत्वपूर्ण मानते हुए प्रस्ताव पारित किए गए है। उन्होंने बताया कि कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मा एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने के उद्देश्य से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया जायेगा। प्रस्ताव पारित किया गया कि देश में निर्बाध चल रहे अवैध धर्मांतरण पर तत्काल रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनना चाहिए।श्री परांदे ने बताया कि अधिवेशन में निश्चित हुआ कि देश में समान नागरिक कानून को व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात, सर्वसम्मति के आधार पर विधिक रूप से क्रियान्वित करना चाहिए। इसके साथ ही, भारत के सभी मठ, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाना चाहिये। इसके लिये प्रत्येक स्तर पर कार्य किया जाय।श्री परांडे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवाद बयान सम्बन्धी प्रश्न के उत्तर में ने कहा कि आज चीन पर हमले और पाकिस्तान पर हमले की कोई बात नहीं कर रहा है। कुछ लोग देश का माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पाएंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जुमे की नमाज के बाद हुए हंगामे सम्बन्धी एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जो लोग दंगे में शामिल हैं, उनका दमन जरूरी है।विहिप महामंत्री ने ज्ञानवापी, मथुरा और काशी सम्बन्धित प्रश्न पर कहा कि तीनों ही स्थान हिंदुओं के स्थान हैं। यह उनको मिलने चाहिए। उन्हें पूरा भरोसा है कि कोर्ट के माध्यम से हिंदुओं को उनका हक जरूर मिलेगा उन्होंने कहा कि कश्मीर में हिंदुओं को कश्मीर में दोबारा बसने के लिए जिहादी रोकने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।