महाराष्ट्र-झारखंड में चुनाव, भाजपा कांग्रेस के वर्चस्व का गवाह बनेगा

संपादकीय


-कविता पंत-

लेखिका देश की प्रतिष्ठित, वरिष्ठ पत्रकार हैं।

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर का बिगुल बज चुका है। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर एक साथ 20 नवम्‍बर को मतदान होगा। महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के महाविकास अघाडी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों के महायुति गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला होगा। 

एक तरफ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी , शिवसेना एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) मुख्य राजनीतिक दल है। दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) एवं एनसीपी (शरदचंद्र पवार) मुख्य राजनीतिक दल है। 

महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा चुनाव में बडा उलटफेर देखने को मिला और भाजपा  को बड़ा झटका लगा था। एनडीए सिर्फ 17 सीटों पर ही सिमट गई। महाराष्ट्र की लोकसभा की 48 सीटों में से कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 30 सीटों पर कब्जा कर लिया था। भाजपा को 9 सीटें, शिंदे की शिवसेना को 7 सीटें और अजीत पवार की एनसीपी को एक सीट मिली वहीं कांग्रेस को 13 सीटें, शिवसेना (यूबीटी) को 9 सीटें, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अगर इन नतीजों को आधार मान लें तो महाविकास अगाड़ी का पलड़ा भारी दिखता है लेकिन हरियाणा में कांग्रेस की हार ने महायुति में जान फूंक दी है और वह कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ गयी है। 

झारखंड में शिबू सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन और राजग के बीच सीधी टक्कर है।वर्तमान में झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सरकार है।

झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। 13 नवम्‍बर को पहले चरण के लिए 43 सीटों पर मतदान होगा तो 20 नवम्‍बर को दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान होंगे। 81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड में मतों की गिनती 23 नवम्‍बर को होगी।

झारखंड  में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 42 सीटों का है। पिछले  विधानसभा चुनाव की बात करें तो 30 सीटें जीतकर जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। जेएमएम के बाद भाजपा 25 सीटों पर जीत के साथ दूसरे स्थान पर रही थी और उसके हाथ से सत्ता चली गई थी।

इन विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा की खाली पड़ी तीन सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट काफी प्रमुख सीट मानी जा रही है क्योंकि पिछली बार यहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी सांसद रहे थे। पिछले  लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी लेकिन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर जीतने के बाद उन्हें एक सीट खाली करनी पड़ी थी। उन्होंने अपने परिवार और पार्टी की परंपरागत रायबरेली सीट को अपने पास रखते हुए वायनाड सीट को खाली करते हुए इस्तीफा दे दिया था। 

कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ते ही उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था। बाकी दो लोकसभा सीटों की बात करें तो इसमें महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट और पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट है। महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 2024 में कांग्रेस नेता वसंतराव चव्हाण ने जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव में जीत के कुछ महीने बाद ही उनके निधन से ये सीट खाली हो गई है। पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर भी यही हाल हुआ जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता हाजी नुरुल इस्लाम ने जीत हासिल की थी और चुनाव के कुछ महीने बाद उनका भी निधन हो गया था। निश्चित तौर पर इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग पर सबकी नजरें रहेंगी। 

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