देहरादून (देशयोगी हरिओम)। आम आदमी पार्टी (आप) की कश्मीर से लेकर गुजरात, गोवा तक की विधानसभा सीटों में सफलता इस बात का साफ संकेत है कि देश की जनता स्थापित राजनीतिक दलों की मनमानी से तंग आ चुकी है और कहीं न कहीं देश में एक नए विकल्प की तलाश कर रही है। इसलिए एक मजबूत विकल्प के लिए लोगों को “आप” में आना चाहिए। यह बात मंगलवार को उत्तराखंड में पार्टी की युवा इकाई अध्यक्ष सचिन थपलियाल ने एक बयान में कही। उन्होंने पूर्व में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की सीटें आने पर कहा कि इसे सामाजिक आंदोलनों को राजनीतिक परिवर्तन के वाहक के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर सामाजिक आंदोलनों को निःस्वार्थ एवं ईमानदार नेतृत्व मिले, तो उसे आम लोगों का भरोसा और सहयोग भी मिलता है, जैसे आम आदमी पार्टी।
श्री थपलियाल ने कहा कि यह अलग बात है, सामाजिक आंदोलन करने वाले संगठनों का पहले भी टुकड़े-टुकड़े में प्रयोग हुआ है, लेकिन उनके परिणाम बहुत उत्साहजनक नहीं रहे। क्योंकि मुद्दे व जनसेवा वोटों में तब्दील होते नहीं देखे गए। लेकिन आम आदमी पार्टी ने देश भर के सामाजिक संगठनों के सामने उम्मीद की किरण जगाई है। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बेहतर राजनीतिक परिस्थितियां पैदा करने में एक प्रभावी योगदान दे सकते हैं। खासकर ऐसे समय में, जब प्रदेश के राजनीतिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, विकल्पों की खोज में लगे सामाजिक संगठन व उनके कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी को एक जागरूक हथियार बनाकर देश में एक बेहतर विकल्प की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
युवा इकाई प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप का उभार प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था के लिए एक सुखद संकेत है। मौजूदा निराशाजनक राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश की जनता व्यापक बदलाव चाहती है। पिछले 24 सालों में हमारी राजनीतिक पार्टियां ऐसा कोई चमत्कार नहीं कर पाईं, जिससे प्रदेश के तमाम लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी हासिल हो सकें और चमकते उत्तराखंड की छवि सामने आए। उन्होंने कहा कि लोगों की आशाएं निराशाओं में बदलती चली गईं। दो पार्टियों के बीच हर चुनाव में बदलाव लाने की कोशिशें कभी कोई बड़ा काम नहीं कर पाईं। हर बार पुराने में नएपन की तलाश या फिर एक से थक और निराश होकर हम फिर पुराने को चुनकर आशाएं बांधते चले गए। हासिल जो कुछ हुआ, वह सब हमारे सामने है।