देहरादून (देशयोगी आकाश)। उत्तराखंड में वनाग्नि के प्रमुख कारक चीड़ पिरूल से अन्य वस्तुओं के उत्पादन तैयार करने के लिए वन मंत्री सुबोध उनियाल की पहल अब सार्थक होती दिख रही है। राज्य में अभी तक पांच पिरूल एकत्रीकरण और पैलेट्स तथा ब्रिकेट्स यूनिट स्थापित हो गई हैं। यह जानकारी अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, निशांत वर्मा ने शनिवार को दी। उन्होंने इस संदर्भ में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी वनाग्नि सत्र में वन सतह से अधिक से अधिक चीड़ पिरूल एकत्रीकरण कर, पैलेट्स/ब्रिकेट्स या अन्य उत्पाद तैयार किये जा सके एवं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार उत्पन किया जा सके।
श्री वर्मा ने बताया कि वर्तमान में 05 पैलेट्स/ब्रिकेट्स यूनिटें स्थापित की गयी है। जबकि अन्य यूनिटें स्थापित किये जाने के लिए कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, अल्मोड़ा वन प्रभाग द्वारा 03 उद्यमियों एवं चम्पावत वन प्रभाग द्वारा एक उद्यमी के साथ चीड़ पिरूल के फॉरवर्ड लिंकेज के लिए लिखित समझौते (एमओयू) हस्ताक्षरित किए गये हैं।
अपर प्रमुख वन संरक्षक ने बताया कि प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा महिला, युवा मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों, वन पंचायत सदस्यों आदि द्वारा चीड़ पिरूल एकत्रीकरण कराकर स्थापित यूनिटों के सुचारू सम्पादन के लिए उद्यमियों को उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि टिहरी डैम द्वितीय वन प्रभाग द्वारा महिला समुहों के रोजगार सृजन के लिए उत्तराखण्ड ग्राम विकास समिति द्वारा संचालित रूरल इंटरप्राइजेज एक्सीलरेशन प्रोजेक्ट (आरईएपी) के अन्तर्गत, व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को आजीविका से जोड़े जाने के लिए चारधाम यात्रा के दौरान रेखिय विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर चीड़ पिरूल द्वारा निर्मित हस्तशिल्प के व्यपार को रोड़ साइड स्टॉल की व्यवस्था किये जाने के भी निर्देश दिये।
श्री वर्मा ने निर्देश दिए कि चीड़ एकत्रीकरण को संग्रहण केन्द्रों की स्थापना क्रू स्टेशनों या उनके समीप चौकियों पर की जाये। उन्होंने कहा कि फॉरवर्ड लिंकेज के कुछ उदाहरण फील्ड में वर्तमान में भी क्रियान्वित किये गये है। इसी को बढ़ाते हुए प्रत्येक प्रभाग में प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा उद्योग विभाग से समन्वय स्थापित कर संग्रहित पिरूल का फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित किया जाये। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारियों तथा उप निदेशकों के साथ-साथ पैलेट्स और ब्रिकेट्स यूनिटों के उद्यमी भी उपस्थित रहे।