गाजा-इजराइल युद्ध पर ट्रंप की योजना का प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वागत

अंतरराष्ट्रीय

नयी दिल्ली (कविता पंत)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा में युद्ध समाप्त करने के 20-सूत्री प्रस्ताव का स्वागत किया है और इसे पश्चिम एशिया समेत गाजा पट्टी में दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का सही और व्यावहारिक रास्ता करार दिया है।
नयी पहल से गाजा में लंबे समय से जारी संघर्ष जल्द ही समाप्त हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर विशेष शांति प्रस्ताव तैयार किया है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ बताया और 20-सूत्रीय योजना का खुलासा किया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस पहल का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष इस योजना को स्वीकार कर शांति की राह अपनाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गाजा संघर्ष को समाप्त करने के व्यापक योजना की घोषणा का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इजराइली लोगों के साथ-साथ पूरे पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक शांति, सुरक्षा और विकास का स्थायी मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष इस पहल का समर्थन करेंगे और युद्ध को खत्म करने का प्रयास सफल रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत का दृढ़ रुख दोहराया। भारत ने तत्काल युद्धविराम, बंधकों की बिना शर्त रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता की निरंतर आपूर्ति की अपील की। साथ ही दो देशों के विवाद के समाधान का समर्थन किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का रुख स्पष्ट और लगातार एक जैसा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि इजराइल और हमास दोनों अगर इसे स्वीकार करते हैं तो युद्ध तुरंत समाप्त होगा। योजना के तहत सभी सैन्य गतिविधियां जैसे हवाई हमले और गोलाबारी रोक दी जाएंगी। बैटल लाइन्स स्थिर रहेंगी जब तक कि चरणबद्ध वापसी पूरी न हो। एक अस्थायी गवर्निंग बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता ट्रंप और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर करेंगे।

योजना के तहत सभी बंधकों की रिहाई के बाद, हमास के वे सदस्य जो शांति और सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें माफी दी जाएगी और उन्हें हथियार छोड़ने होंगे।
इस योजना के सफल होने से गाजा में लंबे समय से जारी हिंसा को समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की उम्मीद है।
हालांकि, अभी भी इस 20 सूत्री योजना को अमली जामा पहनाने पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि हमास उस वार्ता में शामिल नहीं था। इसीलिए अटकलें लगाई जा रही हैं कि हमास इन शर्तों को स्वीकार करता है या नहीं। वैसे ट्रंप ने शर्तों का पालन नहीं करने पर हमास को खुली चेतावनी भी दी है।
योजना में गाजा को एक कट्टरपंथ मुक्त, आतंक मुक्त क्षेत्र के रूप में देखा गया है जो अब इजरायल या पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं है। एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को वहां जाकर काम करने के लिए धन्यवाद दिया और अमेरिकी संरचना का समर्थन करने के लिए सऊदी अरब, कतर, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, पाकिस्तान और इंडोनेशिया सहित अरब और मुस्लिम नेताओं की प्रशंसा की।
ट्रम्प ने कहा कि अगर हमास इसे स्वीकार कर लेता है, तो इस प्रस्ताव में सभी शेष बंधकों को तत्काल रिहा कर दिया जाएगा लेकिन किसी भी स्थिति में 72 घंटे से अधिक समय नहीं लगेगा।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप के प्लान पर समर्थन की पुष्टि की है और इस समझौते को अपनी सरकार के युद्ध उद्देश्यों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि योजना हमारे सभी उद्देश्यों को प्राप्त करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमास से उसका राजनीतिक नियंत्रण एवं सैन्य क्षमता छीन ली जाएगी।

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