नयी दिल्ली (कविता पंत)। बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा। पहले चरण का मतदान 6 नवम्बर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवम्बर को होगा। 14 नवम्बर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण की अधिसूचना 10 अक्टूबर को जारी होगी। 17 अक्टूबर तक नामांकन किए जाएंगे। 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 अक्टूबर को नामांकन वापसी की तारीख रखी गई है। पहले चरण के लिए मतदान 6 नवम्बर को होगा। वहीं दूसरे चरण की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी। 20 अक्टूबर तक नामांकन होंगे। 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 अक्टूबर को नामांकन वापसी की तारीख रखी गई है। दूसरे चरण के लिए मतदान 11 नवम्बर को होगा। पहले चरण में 121 सीटों के लिए और दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए मतदान होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दिल्ली में इन चुनावों की तारीखों की घोषणा की और इसके साथ ही अब बिहार में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर, ओडिशा, झारखंड, मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान में 11 नवम्बर को उपचुनाव होंगे, मतगणना 14 नवम्बर को होगी।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नामांकन के 10 दिन पहले तक छूटे गए नाम जोड़े जा सकेंगे। बिहार में 14 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। पिछले कुछ दिनों में चुनाव आयोग ने तमाम पार्टियों के साथ, अधिकारियों के साथ, पुलिस बल के साथ बैठकें की हैं। बिहार में एस आई आर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा “एसआईआर के बाद अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है। नामांकन दाखिल करने की तिथि के बाद जारी होने वाली मतदाता सूची अंतिम होगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में हर मतदाता सूची में अपना नाम जरूर देख ले और अब भी यदि उनका नाम छूट गया है तो नामांकन से दस दिन पहले तक नाम जुड़वाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस बार मतगणना को लेकर खास व्यवस्था की गई है। कई बार पीठासीन अधिकारी माक पोल के बाद डेटा डिलीट करना भूल जाते हैं। ऐसे में मिलान सही नहीं हो पाता है इसलिए जब भी 17सी फार्म में मिलान में असमानता होगी तो वीवीपैट की गिनती की जायेगी।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार पर्यवेक्षक आईएएस अधिकारी होंगे और वो बिहार से बाहर के रहेंगे। इनके नंबर आपको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मिल जाएंगे, कोई भी शिकायत आप इन पर्यवेक्षकों को बता सकते हैं।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं, खासकर बुर्का पहने मतदाताओं की पहचान करने में मदद के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा। उन्होंने पुष्टि की कि इस सत्यापन प्रक्रिया में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मौजूदा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “निर्वाचन आयोग इस चुनाव के दौरान तकनीक का भरपूर लाभ उठा रहा है। हमने पहले की सुविधाओं में कोई कमी किए बिना अनेक नई सुविधाएँ जोड़ी हैं। बिहार के चुनाव सभी चुनावों की जननी हैं—अगर यह एक देश होता, तो मतदाताओं की संख्या के लिहाज से बिहार शायद 11वें सबसे बड़े देश में होता।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “हम सभी राजनीतिक दलों से पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग के साथ सहयोग करने का अनुरोध करते हैं। उन्हें हर बूथ पर पोलिंग बूथ एजेंट नियुक्त करने चाहिए, ईवीएम और वीवीपैट की चयन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और स्ट्रांग रूम पर सतर्क रहना चाहिए।”
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति के 38 और अनुसूचित जनजाति के लिए दो सीटें आरक्षित हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 7.43 करोड़ हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष हैं। इस बार निर्वाचन आयोग ने सुविधा के लिए हर पोलिंग बूथ पर 1200 वोटरों की संख्या तय की है। 1044 महिला संचालित पोलिंग बूथ होंगे। बिहार में 90712 पोलिंग बूथ होंगे। 250 बूथों पर घोड़े से पेट्रोलिंग होती है। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार हेल्प डेस्क, रैंप, पानी, टॉयलेट जैसी व्यवस्था की गई है। बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों को ध्यान रखते हुए पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर होंगे। *******